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समष्टि अर्थशास्त्र का परिचय  Macroeconomics Unit -1 Notes Class 12



 Chapter - 1 


समष्टि अर्थशास्त्र का परिचय 



अर्थशास्त्र क्या है ? 

सरल शब्दों में,'अर्थशास्त्र'व्यक्तियों या देशों के द्वारा साधनों की सीमितता के कारण उत्पन्न चुनाव से सम्बन्धित समस्याओं के अध्ययन का विज्ञान व उनके समाधान की कला है।

अर्थशास्त्र वह सामाजिक विज्ञान है जिसमें अध्ययन किया जाता है विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के

  • उत्पादन
  • वितरण 
  • उपभोग 


अर्थव्यवस्था क्या है ?

अर्थव्यवस्था का अर्थ किसी देश की सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक संगठन, की उस संरचना से होता है जिसमे लोग वैधानिक तरीकों से आर्थिक क्रियाएँ कर जीवनयापन करते हैं। 

अर्थव्यवस्था को सामान्यत तीन भागों में वर्गीकृत किया जाता है।

1. प्राथमिक क्षेत्र (कृषि व पशुपालन),

2. द्वितीय-क्षेत्र (निर्माण व विनिर्माण)

3. तृतीय-क्षेत्र (सेवाक्षेत्र) 


'अर्थशास्त्र' का जनक एडम स्मिथ को माना जाता है। 

  • एडम स्मिथ की पुस्तक (An Enquiry into the Nature and Causes of the Wealth of Nations) सन् 1776 में प्रकाशित हुई।
  • एडम स्मिथ को उनके पूंजीवाद, मुक्त बाजार, आपूर्ति और मांग जैसे  सिद्धांतों के कारण "अर्थशास्त्र का जनक" कहा जाता है।
  • एडम स्मिथ ने 'अर्थशास्त्र' को 'धन' का अध्ययन बताया


अर्थशास्त्र के अध्ययन को दो शाखाओं में विभाजित किया गया है : -

1. व्यष्टि-अर्थशास्त्र  (Microeconomics) 

  • इसकी उत्पत्ति 'ग्रीक शब्द' 'MIKROS' से हुई है जिसका अर्थ है छोटा ।
  • व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के व्यवहार का अध्ययन करता है।


2. समष्टि-अर्थशास्त्र (Macroeconomics)

  • इसकी उत्पत्ति 'ग्रीक शब्द' 'MAKROS' से हुई है जिसका अर्थ है बड़ा।
  • संम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के व्यवहार का अध्ययन करता है।


एडम स्मिथ का मानना था कि व्यक्तियों का प्राथमिक लक्ष्य धन प्राप्त करना है क्योंकि यह उनकी बुनियादी इच्छाओं को पूरा करने का साधन है 



व्यष्टि-अर्थशास्त्र और समष्टि-अर्थशास्त्र में अंतर



व्यष्टि-अर्थशास्त्र

 


अंतर

 


समष्टि-अर्थशास्त्र

 


एक व्यक्तिगत इकाई

 


अध्ययन की इकाई

 


एक देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था

 


सिमित क्षेत्र पर

 


प्रभाव

 


संम्पूर्ण क्षेत्र पर

 


संसाधनों के अधिकतम वितरण से सम्बन्धित सिद्धांतों के लिए

 


अध्ययन का उद्देश्य

 


उत्पादकता का विस्तार पूर्ण रोजगार की प्राप्ति से सम्बन्धित सिद्धांतों हेतु

 


मांग,  पूर्ति , बाजार के स्वरुप

 


सम्बंधित विषय

 


कुल मांग, कुल पूर्ति, राष्ट्रीय स्तर

 


आंशिक संतुलन

 


संतुलन का प्रकार

 


सामान्य संतुलन

 


व्यष्टि के लिए बचत लाभकारी

 


विरोधाभास

 


समष्टि के लिए बचत अलाभकारी

 

 

 

 

 

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